एडीजीपी ने हिसार मंडल की ड्रग्स मुक्ति टीम से बैठक कर कार्यों की समीक्षा कीधाकड़ वह युवा जो अपने माता- पिता का सम्मान व उनकी भावनाओं की कदर करता है : एडीजीपी श्रीकांत

एडीजीपी ने हिसार मंडल की ड्रग्स मुक्ति टीम से बैठक कर कार्यों की समीक्षा कीधाकड़ वह युवा जो अपने माता- पिता का सम्मान व उनकी भावनाओं की कदर करता है : एडीजीपी श्रीकांत

पाठकपक्ष न्यूज
हिसार, 17 नवम्बर : श्री श्रीकांत जाधव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, हिसार मंडल ने मंडल के सभी जिलों मे
गठित ड्रग्स मुक्ति टीम के नोडल अधिकारियों व टीम सदस्यों से बैठक कर उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों व
धरातल पर मिले परिणामों की समीक्षा की। हिसार मंडल के सभी जिलों मे पांच- पांच पुलिस के कर्मचारियों की
टीम गठित की गई है जिनमे दो महिला पुलिस कर्मचारी भी शामिल है। टीमे ड्रग प्रभावित गांवों मे जाकर डोर टू
डोर सर्वे करती है व ड्रग पीडि़तों की पहचान कर उनकी व उनके परिवार के लोगो की काउंसलिंग करवाई जाती है।
उन्हें इलाज के लिये प्रेरित भी किया जा रहा है। एडीजीपी हिसार मंडल का यह ड्रग की डिमांड को नियन्त्रित करने
का विशेष प्रयास है।
हिसार मंडल मे इस अभियान के तहत अब तक 218 गांवों में सर्वे कर 3695 ड्रग पीडि़तों की पहचान की है। 3423
ड्रग पीडि़तों का डोजियर फॉर्म भर ड्रग पीडि़तों व उनके परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग करवाई गई है। टीमो ने
1861 ड्रग पीडि़तों का उपचार शुरु करवाया है। टीमों द्वारा फीडबैक भी लिया जा रहा है, फीडबैक के दौरान 441
लोगों ने दावा किया कि उन्होने ड्रग से नाता तोड लिया व अब वे दूसरों को भी इस लत से बाहर निकालने का काम
करेंगे।
ड्रग मुक्ति टीम ने जिला हिसार के 56 गांवों को चिन्हित करके डोर टू डोर सर्वे के दौरान 915 ड्रग पीडि़तों की
पहचान की है व 808 के डोजियर फार्म भरे हैं, जिनमें से सभी ड्रग पीडितों व उनके परिवारजनों की काउंसलिंग की
गई है । चिन्हित किए गए ड्रग पीडि़तों में से 475 को सरकारी/ गैर सरकारी अस्पतालों से दवा दिलवाकर उनका

उपचार शुरू करवाया है । टीम के प्रयासों से जिला हिसार में से 120 ड्रग पीडि़तों ने नशे की लत को अलविदा कहा
है ।
पुलिस जिला हांसी की ड्रग मुक्ति टीम ने अपने जिले के 36 गांवों को चिन्हित करके डोर टू डोर सर्वे के दौरान 447
ड्रग पीडि़तों की पहचान की है व 444 के डोजियर फार्म भरे है जिनमें से सभी ड्रग पीडि़तों व उनके परिवारजनों की
काउंसलिंग की गई है । चिन्हित किए गए ड्रग पीडि़तों में से 256 को अस्पतालो से दवा दिलवाकर उनका उपचार
शुरू करवाया है। टीम के प्रयासों से पुलिस जिला हांसी में 47 ड्रग पीडि़तों ने नशे की लत को अलविदा कहा है।
जिला सिरसा में 54 गांवों को चिन्हित कर 1081 ड्रग पीडितों की पहचान की है व 1081 के डोजियर फार्म भरे है,
जिनमें से 865 ड्रग पीडि़तों व उनके परिवारजनों की काउंसलिंग की गई है। चिन्हित किए गए ड्रग पीडितों में से
571 को सरकारी अस्पताल से दवा दिलवाकर उनका उपचार शुरू करवाया है। टीम के प्रयासों से जिला सिरसा में
से 71 ड्रग पीडितों ने नशे की लत को अलविदा कहा है।
जिला फतेहाबाद की ड्रग मुक्ति टीम ने अपने जिले में 33 ड्रग से प्रभावित गांवों मे 745 ड्रग पीडितों की पहचान की
है व 583 के डोजियर फार्म भरे है जिनमें से 470 ड्रग पीडितों व उनके परिवारजनों की काउंसलिंग की गई है।
चिन्हित किए गए ड्रग पीडितों में से 334 को सरकारी अस्पताल से दवा दिलवाकर उनका उपचार शूरू करवाया है।
टीम के प्रयासों से जिला फतेहाबाद में से 133 ड्रग पीडितों ने नशे की लत को अलविदा कहा है।
जिला जींद में 39 ड्रग से प्रभावित गांवों मे 507 ड्रग पीडि़तों की पहचान कर डोजियर फार्म भरे है जिनमें से 382
ड्रग पीडितों व उनके परिवारजनों की काउंसलिंग की गई है। चिन्हित किए गए ड्रग पीडि़तों में से 225 को सरकारी
अस्पताल से दवा दिलवाकर उनका उपचार शुरू करवाया है। टीम के प्रयासों से जिला जींद में से 70 ड्रग पीडि़तों ने
नशे की लत को अलविदा कहा है।
इसी अभियान के तहत एडीजीपी ने टीमों को निर्देश दिये है कि जिन गांवों में टीमें दौरा करती है उन गांवों मे साय
6/7 बजे तक ठहर कर गांव की हालात व नशे की स्थिति का जायजा लेंगे, उन्होंने कहा गांव की असल तस्वीर
सायंकाल के समय सामने आती है।
ड्रग मुक्ति टीम ड्रग तस्करों व नशे की दवा बेचने वाले केमिस्टो की भी सूची तैयार करने को कहा है, सभी नोडल
अधिकारियों को टीम द्वारा तैयार सूची अनुसार कार्रवाई कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिये गये है।
हर जिले के 20/20 गांवों को पहले चरण मे ड्रग मुक्त कर ड्रग मुक्त गांव घोषित करवाने के निर्देश दिये गये है,
इस कार्य के लिये 31 दिसम्बर तक का समय टीम प्रभारियों को दिया गया है। नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये
गये है इन गांवों का ब्यौरा तैयार करेगे व इन गांवों मे ड्रग मुक्ति कैंप भी लगाये जायेगे। इन गांवो की गहन
समीक्षा उपरान्त एक भव्य कार्यक्रम में इन गांवों को ड्रग मुक्त गांव घोषित किया जाएगा।
हिसार मंडल के हर शिक्षण संस्थान मे धाकड़ का सेल्फी प्वाइंट बनाया जायेगा। जहा हर छात्र अपनी सैल्फी ले
अपने आप के धाकड होने का गौरव महसूस कर सकेगा।

एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने बतलाया की धाकड वह छात्र है जो नशे से दूर है, दूसरों को भी नशे से दूर रहने के लिये
प्रेरित करता है, धाकड वह है अपने माता पिता का सम्मान व उनकी भावनाओं की कदर करता है।

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