देसी इलाज से रोग जड़ से जाए, वापस कभी न आए, इन दवाओं का अरबों रुपए का निर्यात
हिसार, 1 मई (देवेन्द्र उप्पल) : लोगों का रुझान आयुर्वेदिक चिकित्सा की ओर निरंतर बढ़ रहा है क्योंकि इन दवाइयो का कोई साइड इफेक्ट या दुष्परिणाम नहीं है और रोग जड़ से चला जाता है। इस चिकित्सा पद्धति में समय तो जरुर थोड़ा ज्यादा लगता है परंतु इलाज पक्का हो जाता है। हमने आज हिसार के आदि आयुर्वेदम के आयुर्वेद विशेषज्ञों से विशेष बातचीत की जो कि यहां प्रस्तुत है
कैमरी रोड स्थित आदि आयुर्वेदम् मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में डॉ. संजय शर्मा (पीएचडी आयुर्वेदा) ने आयुर्वेद इलाज पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आदि आयुर्वेदा अस्पताल में लगभग सभी रोगों का इलाज किया जाता है। अस्पताल में 5 डॉक्टर हैं जो मल्टी स्पेशलिटी आयुर्वेदिक अस्पताल को पिछले 14 साल से चला रहे हैं। डॉ. संजय शर्मा एनोवेटिकल और पेन मैनेजमेंट पर काम देखते हैं, डॉ. प्रीति शर्मा पीसीओडी, इनफोर्टिलिटी पर काम करती हैं, डॉ. भूपेंद्र, चमड़ी के रोगियों का इलाज करते हैं, डॉ. किरण जरनल सर्जन और गायनोक्लोजिकल से संबंधित रोगियों को देखती हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक खान पान से रोगों के इलाज की शुरुआत की जाती है। बाद में आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज किया जाता है क्योंकि जब आपका खाना पीना ठीक होगा तो आपका शरीर उससे लडऩे के लिए तैयार होगा। आयुर्वेद इलाज से पूरे शरीर को स्वच्छ और रोगों से लडऩे के लिए मजबूत बनाया जाता है। जबकि अंगे्रजी इलाज में रोग के लक्ष्णों को देखकर एक प्रोपर जगह पर ट्रिटमेंट दिया जाता है, इसमें रोग की रोकथाम पर ध्यान दिया जाता है जबकि आयुर्वेद में रोग को पूरी तरीके से खत्म किया जाता है।
आदि आयुर्वेदा अस्पताल की सीनियर आयुर्वेदिक गायनोलोजिस्ट डॉ. प्रीति शर्मा ने बताया कि अंग्रेजी इलाज में हार्मोन दिया जाता है जो लगातार देने से दिक्कतें आने लगती हैं, जैसे फैटी लीवर हो जाना, बालों का झडऩा और भी कई तरह के डिस्ऑर्डर हो जाते हैं जो शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। लेकिन आयुर्वेद में पूरे शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए इलाज दिया जाता है जिसके कोई साइडइफेक्ट भी नहीं होते। इससे रोग तो ठीक होता ही है साथ ही शरीर भी पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है। हमारे अस्पताल में बहुत सी माताएं बहनें इलाज करवा चुकीं हैं।
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